मुंबई:
NEET परीक्षा का पेपर लीक मामले में लातूर के शिवाजी नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है. ये मामला लातूर के शिक्षको के खिलाफ दर्ज किया गया. जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ उन शिक्षकों के नाम संजय जाधव और जलील पठान है. कल एटीएस ने दोनो से प्राथमिक पुछताछ के बाद छोड़ दिया था. लेकिन फिर शाम को दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर एक को फिर से हिरासत में ले लिया है. शिक्षक जलील पठान पुलिस की हिरासत में है, जबकि संजय जाधव फरार है. दोनों ही शिक्षक लातूर जिला परिषद स्कूल में पढ़ाते हैं.
नीट मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ली
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश के बाद मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच रविवार को सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली, जबकि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने भी पांच और लोगों को गिरफ्तार किया. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने कदाचार का पता चलने के बाद 17 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया. पांच मई को आयोजित हुई परीक्षा रद्द करने की मांग के बीच मंत्रालय के अधिकारियों ने सरकार का पिछला रुख दोहराया कि गड़बड़ी की घटनाएं “स्थानीय” और छिटपुट स्तर पर हुईं तथा उन लाखों परीक्षार्थियों के करियर को खतरे में डालना उचित नहीं है, जिन्होंने परीक्षा सही ढंग से पास की.
सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद जिन 1,563 छात्रों ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए गए थे, उनके लिए रविवार को दोबारा परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें उनमें से केवल 813 परीक्षार्थी शामिल हुए. इन अभ्यर्थियों को पांच मई को परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण छह केंद्रों पर समय की हानि की भरपाई के लिए एनटीए ने ग्रेस मार्क्स दिए थे. आरोप हैं कि इससे अंकों में वृद्धि हुई और ग्रेस मार्क्स पाने वाले हरियाणा के एक ही केंद्र के छह परीक्षार्थियों समेत कुल 67 परीक्षार्थियों ने 720 अंक हासिल किए. इस वर्ष लगभग 24 लाख में से 13 लाख से अधिक परीक्षार्थी नीट-यूजी में उत्तीर्ण हुए, जिन्हें लगभग 1.8 लाख एमबीबीएस/दंत चिकित्सा सीटों पर दाखिला दिया जाना है.
नीट धांधली को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन
देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और मुकदमेबाजी के बीच सीबीआई ने भादंसं की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) समेत अन्य धाराओं के तहत नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की. बिहार और गुजरात सरकार ने भी रविवार को नीट-यूजी पेपर लीक के मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिससे केंद्रीय एजेंसी के लिए जांच का मार्ग प्रशस्त हो गया.
बिहार पुलिस ने शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शनिवार को शिक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसके बाद व्यापक जांच के लिए जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. ईओयू ने रविवार देर शाम पटना में जारी एक बयान में कहा कि गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों को शनिवार को झारखंड के देवघर से हिरासत में लिया गया था. उनकी पहचान बलदेव कुमार, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह के रूप में की गई, सभी मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं.
बयान में कहा गया कि कुख्यात संजीव कुमार उर्फ लूटन मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार को कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले अपने मोबाइल फोन पर पीडीएफ प्रारूप में नीट-यूजी परीक्षा की हल की गई उत्तर पुस्तिका प्राप्त हुई थी. इसमें दावा किया गया है कि मुखिया गिरोह के सदस्यों ने ही उत्तर पुस्तिका लीक की थी. जांच से पता चला कि बलदेव और उसके सहयोगियों ने चार मई को पटना के राम कृष्ण नगर में एक घर में छात्रों को हल की गई उत्तर पुस्तिका बांटी थी. पहले गिरफ्तार किए जा चुके दो व्यक्ति नीतीश कुमार और अमित आनंद परीक्षार्थियों को वहां लेकर गए थे.
झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से मिला पेपर
बयान के मुताबिक, मुखिया गिरोह ने लीक हुआ नीट-यूजी प्रश्न पत्र कथित तौर पर झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से प्राप्त किया था. इसमें कहा गया है कि जांचकर्ताओं ने पटना के मकान से बरामद आंशिक रूप से जले हुए प्रश्न पत्र का राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा उपलब्ध कराए गए संदर्भ प्रश्न पत्र से मिलान किया, जिससे लीक की पुष्टि हुई. बयान में दावा किया गया है कि प्रश्न पत्रों को संभालने और भेजने के लिए एनटीए द्वारा निर्धारित मानक प्रक्रिया की भी कथित तौर पर अवहेलना हुई.
नीट पेपर लीक मामले में अब तक कई लोगों से पूछताछ
ईओयू ने प्रश्न पत्रों को एक स्थान से दूसरे स्थानों पर ले जाने से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की, जिनमें बैंक अधिकारी और एक कूरियर कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे. मुखिया और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं. ईओयू ने पिछले महीने मामले के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. एनटीए के एक अधिकारी ने कहा, ‘प्राप्त जानकारी के आधार पर बिहार के केंद्रों से परीक्षा देने वाले 17 परीक्षार्थियों को परीक्षा की अनुमति नहीं दी गई. इससे इस साल परीक्षा से वंचित होने वाले कुल परीक्षार्थियों की संख्या 110 हो गई है.’
एजेंसी ने पहले परीक्षा में अनुचित साधन अपनाने के लिए 63 उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया था. शनिवार को गुजरात के गोधरा के 30 परीक्षार्थियों को भी परीक्षा से बाहर कर दिया गया था. अधिकारियों ने कहा कि मंत्रालय सीबीआई को दी एक शिकायत में आरोप लगाया कि परीक्षा के आयोजन के दौरान कुछ राज्यों में ‘कुछ छिटपुट घटनाएं’ हुईं. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से परीक्षार्थियों, संस्थानों और बिचौलियों की साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और सबूतों को नष्ट करने समेत कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है.’
सीबीआई ने गुजरात के गोधरा और पटना में विशेष टीम भेजी
अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा के संचालन और पूरे घटनाक्रम में लोक सेवकों की भूमिका, यदि कोई हो, और बड़ी साजिश भी जांच के दायरे में होगी. अधिकारियों ने कहा कि मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, सीबीआई ने गुजरात के गोधरा और पटना में विशेष टीम भेजी हैं, जहां पुलिस ने प्रश्न पत्र लीक के मामले दर्ज किए हैं. इस बीच, महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने कथित अनियमितताओं के संबंध में लातूर जिले में एक निजी कोचिंग के दो शिक्षकों से पूछताछ की. केंद्र ने शनिवार रात एनटीए डीजी सुबोध कुमार सिंह को हटाकर अगले आदेश तक ‘अनिवार्य प्रतीक्षा’ पर रखा है.
( भाषा इनपुट्स के साथ )
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