नई दिल्ली:
बांग्लादेश छोड़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पहला बयान सामने आया है. उन्होंने अपील की है कि 15 अगस्त को लोग गरिमा के साथ शोक दिवस मनाएं. सत्ता से बेदखल होने के बाद पहली टिप्पणी में शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश हिंसा में शामिल लोगों की जांच की जानी चाहिए.
शेख हसीना ने बांग्लादेश में दंगाइयों को दंडित करने की मांग की है. उन्होंने अपने पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को तोड़े जाने के मामले में न्याय की मांग की है.
अपने बेटे द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए तीन पन्नों के भावनात्मक बयान में, शेख हसीना ने 1975 में अपने पिता की हत्या के साथ शहीद हुए परिवार के सदस्यों की याद दिलाई.
Son of deposed Prime Minister of Bangladesh Sheikh Hasina, Sajeeb Wazed Joy releases a statement on behalf of Sheikh Hasina on his social media handle X.
…I appeal to you to observe the National Mourning Day on 15th August with due dignity and solemnity. Pray for the salvation… pic.twitter.com/b1qRgOP06r
— ANI (@ANI) August 13, 2024
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन
हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इसका अंतरिम प्रमुख बनाया गया है. यूनुस ने पिछले सप्ताह अपने 16-सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की.