15 अगस्त को गरिमा के साथ शोक दिवस मनाएं : बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना का पहला बयान
4 months ago |


नई दिल्ली:

बांग्लादेश छोड़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पहला बयान सामने आया है. उन्होंने अपील की है कि 15 अगस्त को लोग गरिमा के साथ शोक दिवस मनाएं. सत्ता से बेदखल होने के बाद पहली टिप्पणी में शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश हिंसा में शामिल लोगों की जांच की जानी चाहिए.

शेख हसीना ने बांग्लादेश में दंगाइयों को दंडित करने की मांग की है. उन्होंने अपने पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति को तोड़े जाने के मामले में न्याय की मांग की है.

शेख हसीना ने उन परिवार के सदस्यों को याद किया, जिन्हें उन्होंने 15 अगस्त, 1975 को अपने पिता की हत्या के बाद खो दिया था. मुजीबुर रहमान के बेटे और उनकी पत्नियां, उनके भाई का परिवार और करीबी सहयोगियों की उसी रात सेना द्वारा तख्तापलट के तहत हत्या कर दी गई थी.

अपने बेटे द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए तीन पन्नों के भावनात्मक बयान में, शेख हसीना ने 1975 में अपने पिता की हत्या के साथ शहीद हुए परिवार के सदस्यों की याद दिलाई.

बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना नीत सरकार के गिरने के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए हैं. जुलाई के मध्य में पहली बार कोटा विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से इस हिंसा में मरने वालों की कुल संख्या 560 हो गई है.

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन
हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इसका अंतरिम प्रमुख बनाया गया है. यूनुस ने पिछले सप्ताह अपने 16-सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की.