म्यूजिक की दुनिया में सिंगर मंथन की धमाकेदार एंट्री, पहला गाना Rencontre हुआ रिलीज
5 months ago |

नई दिल्ली:

अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए अगर शिद्द के साथ मेहनत की जाए तो आपको वहां तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता. दिल्ली के युवा और उभरते हुए गायक मंथन सोमवंशी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. मंथन का बचपन से ही सपना था कि वह बड़े होकर अपनी आवाज के जादू से पूरी दुनिया को अपना दीवाना बनाएं. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए मंथन बीते दस वर्षों से खुदको हर दिन और बेहतर करने लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे. दस साल की मेहनत के बाद आखिरकार मंथन का ये सपना साकार हुआ और कुछ दिन पहले ही उनका पहला गाना Rencontre के नाम से रिलीज हुआ.अब इस गाने को जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है. NDTV ने युवा सिंगर मंथन सोमवंशी से उनके पहले गाने और आने वाले गानों को लेकर खास बातचीत की. आइये जानतें है उन्होंने हमसे क्या कुछ कहा…

‘एक अलग मुकाम बनाना है लक्ष्य’

मंथन ने एनडीटीवी से कहा कि मैं अपनी आवाज से अपने लिए एक अलग मुकाम बनाना चाहता हूं. मैं सिंगिंग को अपना करियर बनाऊंगा इसकी जानकारी मेरे माता-पिता को नहीं थी. लिहाजा, जब मैंने पहली बार उन्हें इसके बारे में बताया तो शुरुआती दिनों में इसे लेकर मुझे मेरे पैरेंट्स का सपोर्ट नहीं मिला था. ऐसा इसलिए भी क्योंकि सबको लग रहा था कि भारत में अंग्रेजी गानों का कोई स्कोप नहीं है. लेकिन मैं अपने पैरेंट्स को इसके लिए ब्लेम नहीं करता हूं क्योंकि उस समय इंडिया में ऐसा कोई उदाहरण था ही नहीं जिसने इस इंडस्ट्री में अच्छा किया हो. तो मेरे पैरेंट्स अपनी जगह सही थे, लेकिन मेरी जिद थी तो मैंने मेहनत करना जारी रखा.

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दस साल बाद जब मैं तैयारी करके आया और अपनी स्किल्स को और बेहतर किया तो मेरे पैरेंट्स के सामने एक प्रूव ये था कि मैं बेहतर कर सकता हूं. साथ ही साथ इंडस्ट्री में भी अब कई सारे ऐसे लोग हैं जो अंग्रेजी गाने गाकर अपना एक अलग नाम बना चुके थे और उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर पहचाना जा रहा है. मैंने ऐसे ही सिंगर्स के बारे में अपने पैरेंट्स (खासकर अपने पापा) को बताया. मैंने उन्हें प्रतीक कुहाड़ के बारे बताया. उन्होंने जब प्रतीक कुहाड़ के बारे में जाना तो उन्हें लगा कि हिन्दी गानों की तरह ही अंग्रेजी गानों में भी बेहतर किया जा सकता है. अब मेरे पैरेट्स मेरे इस फैसले के साथ है. और अब मुझे उनका पूरा सपोर्ट मिल रहा है.

रीसर्च के साथ म्यूजिक पर काम करना बड़ी चुनौती थी

मंथन ने कहा कि मैं बीते दस सालों से अपने गाने पर काम कर रहे था. इस दौरान वो समय भी आया जब रिसर्च के साथ-साथ म्यूजिक पर काम करना एक चैलेंज की तरह था. रिसर्च के शुरुआती कुछ महीनों में दिक्कत भी आई लेकिन समय के साथ-साथ मैंने दोनों को मैनेज किया. मैं हमेशा से चाहता था कि एकेडमिक्स के साथ-साथ मैं अपने पैशन को फॉलो करने में भी उतना ही समय लगाऊं. टाइम मैनेज करके ये टारगेट भी मैंने एचिव किया है.  

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पहला गाने में झलकता है मेरे दस साल का अनुभव 

मंथन ने बताया कि म्यूजिक की दुनिया में जो चीजें बीते दस सालों में सीखीं थी उसे मैंने ‘Rencontre’ को लिखने में इस्तेमाल किया है. ये गाना सिर्फ मेरी जिंदगी की कहानी नही हैं, ये गाना उन सभी के लिए है जिन्हें पता है कि आप किसी ऐसे शख्स के प्यार में हो जो आपके लिए सही नहीं लेकिन खाली एक चीज के बारे में सोचते हैं कि आप उन इंसान से प्यार करते हो. और आपके लिए ये ही मायने रखता है.

“इस गाने के पीछे कई और लोगों की भी मेहनत है”

इस गाने को मैंने अकेले नहीं बनाया है. प्रोड्क्शन और मिक्सिंग का काम शरद ने किया है. मेलोडी को कंपोज करने का काम, राइटिंग और सिंगिंग मैंने किया है. जबकि इस गाने के कवर का डिजाइन हिबा और आशुतोष ने काम किया है. ये गाना और आगे मेरे जो भी गाने आएंगे वो एक टीम अफर्ट का हिस्सा है. बगैर इस टीम के यह कर पाना संभव नहीं था.