काबुल:
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को बड़ा बम धमाका हुआ. धमाके में तालिबान के शरणार्थी और पुनर्वास मंत्री खलील हक्कानी की मौत हो गई. खलील हक्कानी हक्कानी नेटवर्क के एक सीनियर सदस्य थे. तालिबान के आंतरिक मंत्री और वरिष्ठ नेता सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा भी थे. खलील हक्कानी अफगानिस्तान में आने वाले शरणार्थियों की समस्या को संभाल रहे थे. धमाके में खलील के अलावा 12 लोग भी मारे गए हैं.
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, तालीबानी नेता खलील हक्कानी घटना के वक्त मस्जिद के अंदर थे. इसी दौरान एक बम धमाका हुआ. मस्जिद में हुए बम विस्फोट के बाद खलील हक्कानी की मौत की खबरें सामने आ गईं.
हालांकि, मस्जिद में हुए विस्फोट में कितने लोगों की मौत हुई है ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. खलील लंबे समय से तालिबान के लिए एक महत्वपूर्ण सैन्य और राजनीतिक स्तंभ रहा है. खलील के नेतृत्व में तालिबान ने काफी आगे बढ़ा है. तालिबानी सरकार ने भी अभी तक तालीबानी नेता खलील हक्कानी की मौत की पुष्टि नहीं की है.
कौन है खलील हक्कानी?
खलील रहमान हक्कानी तालिबान सरकार में शरणार्थी और प्रवास मंत्री था, जिसे अगस्त 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद कार्यवाहक तौर पर ये जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हक्कानी नेटवर्क की स्थापना खलील के भाई जलालुद्दीन हक्कानी ने की थी. 1990 के दशक में ये नेटवर्क तालिबान शासन में शामिल हो गया था.
अमेरिका ने 2011 में घोषित किया था ग्लोबल टेररिस्ट
खलील हक्कानी को 9 फरवरी 2011 को अमेरिका ने एक वैश्विक आतंकी घोषित किया था. उस पर 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ईनाम भी था. अलकायदा के साथ संबंध और तालिबान के लगातार समर्थन की वजह से उस पर प्रतिबंध भी लगाया गया था.