नई दिल्ली:
हाथरस भगदड़ को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर भी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि आगे इस तरह की कोई घटना ना हो ऐसी व्यवस्थाएं की जाएं. अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब कोई ऐसी घटना हो जाए तो सरकार के क्या इंतजाम हैं? क्या पिछले वर्षों से सरकार ने ऐसे ही इंतजाम किए हैं कि लोगों की जान चली जाए. उत्तर प्रदेश में इस तरह की कोई पहली घटना नहीं है. इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसके लिए सरकार और प्रशासन को मिलकर काम करना चाहिए. भोले बाबा के साथ अपनी तस्वरी वायरल होने पर अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी कितना घटिया काम कर सकती है. बीजेपी किसी भी निचले स्तर तक जा सकती है.
“ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया”
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि यह बहुत दर्दनाक है… जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले. जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है. ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो. जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं. इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी ज़िम्मेदार सरकार है… कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया. ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया. इसकी ज़िम्मेदार भाजपा है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं… क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं?
मौत का आंकड़ा 121 पहुंचा
हाथरस हादसे में मरने वालों की संख्या अब 121 पहुंच गई है. अभी भी कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका सूबे के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. सत्संग के बाद मची भगदड़ में बड़ी संख्या में भक्त घायल हो गए थे, जिन्हें बाद में पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. इस हादसे में कई लोगों की जान सत्संग ग्राउंड में ही हो गई थी. प्रशासन ने बुधवार को उन लोगों की एक सूची भी जारी की है जिनके शवों का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद उन्हें उनके रिश्तेदारों को सौंपने की तैयारी है.
मुख्य सचिव ने 24 घंटे के भीतर मांगी है रिपोर्ट
इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एडीजी और कमिश्नर से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. आपको बता दें कि इस हादसे की सूचना के तुरंत बाद ही मुख्य सचिव और डीजीपी प्रशांत कुमार घायलों से मिलने पहुंचे थे. इसके बाद दोनों अधिकारियों ने घटनास्थल का भी दौरा किया था.
सत्संग के आयोजकों ने शर्त का नहीं किया पालन
इस हादसे को लेकर अभी तक जो जांच हुई है उसके मुताबिक एसडीएम ने इस सत्संग का आयोजन कराने वाले आयोजकों को सशर्त इसकी अनुमति दी थी. लेकिन अभी तक की जांच में पता चला है कि आयोजकों ने प्रशासन के द्वारा रखी गई शर्त को नहीं माना. हम आयोजकों पर सख्त कार्रवाई कर रहे हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता है कि घायलों को सही और बेहतर इलाज मिले.